लेख संग्रहालय


8 comments:

  1. सहज पके सो मीठा होए! हम तो कब से इन्तज़ार कर रहे है भाई

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  2. शुक्रिया! रौशन भाई! आपके लिए रामपुर से फोन था???????

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  3. महान दार्शनि• अरस्तू •ा •थन है ----- जब तुम अपना समय बरबाद •रते हो, उस समय अपने पैरों पर •ुल्हाडी मार रहे होते हो। बीत चु•े समय •े लिए तुम्हें ए• दिन अवश्य पाश्चाताप •रना पडेगा, ले•िन जो बीत गया, वह •िसी भी तरह पश्चाताप •रने से भी वापस नहीं आएगा। अतएव समय •ा सदुपयोग •रो, उस•े बीत जाने से पहले ही सावधान हो जाओ। अब भी जितना समय आप•े पास बचा है, सावधानीपूर्व• उसमें अपना •ाम पूरा •रो। समय •भी भी •िसी •ी राह नहीं देखता। अत: आज •ा •ाम आज पूरा •रो, उसे •ल पर •तई न डालो।

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  4. अरे दादा आप ठीक कहते हैं लेकिन आपको ये ज़रूर बता दें कि हम जान कर कभी ऐसा नहीं करते! आप शिमला मेरे पास होते तो ज़रूर समझ पाते और जो मैं करना चाहता हूँ उसके लिए समय तो चाहिए लेकिन मिल नहीं पाता तो परेशानी तो मुझे भी बहुत होती है लेकिन मैं ब्लॉग एक बार अपनी तसल्ली से ही बनाना चाहता हूँ और मुझे इतना विश्वास है कि जिस मेहनत और जिस तरह से मैं बनाना चाहता हूँ उसे मैं ही समझ सकता हूँ अगर आपको ऐसा लगता है तो फिलहाल आप इसी ब्लॉग पर काम करना शुरू कर दीजिए।
    मैं आपको एक मेल भेज रहा हूँ आप उसे स्वीकार कीजिए और फिर मैं आपको ब्लॉग का प्रशासनिक अधिकार दे दूँगा फिर चाहे तो आप ब्लॉग से मेरा अधिकार हटा सकते हैं और सारे नियंत्रण आप खुद ही कर सकते हैं ।

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  5. भाइZ बादल! कभी सही जगह और सही समय पर बरसा करो यार। बंधुवर! मैं आपकी सारी परे’ाानियां अच्छी तरह समझ पा रहा हूं। अरस्तू का कथन मैंने इसलिए नहीं लगाया कि आप को आघात पहुंचाउं। समस्या थी फाWन्ट की। अरस्तू के विचार मेरे सामने मेज पर थे। मैंने उसे ही लिख दिया और आपसे यह जानना चाहता था कि “’ाब्द पूरे-पूरे क्यों नहीं आ रहे लेकिन आपने वह नहीं देखा और अनथZ हो गया।

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  6. रोशन भाइZ! सवZप्रथम कोटि’ा: धन्यवाद। फाWन्ट की समस्या आपने काफी सुलझा दी जैसा कि इसे पढ़ कर जान सकते हो। बस कुछेक”’ाब्द धोखा दे रहे हैं।

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  7. उपरोक्त लेख ‘हिमाचल का लघुकथा संसार’ संपादित रूप में है। मूल लेख में अन्य कइZ नामों का उद्धरण है जिनका हिमाचल के लघुकथा में योगदान है। मेरे मित्र रो’ान वििक्षप्त ने इसे एक पत्र से लेकर प्रकाि’ात किया है जो एक अच्छी सोच को परिपादित करता है। मेरी इच्छा है कि हिमाचल के वे लेखक जो लघुकथाएं लिखते हैं, मुझसे संपकZ करें या फिर ब्लाWग में अपनी टिप्पणियां समय-समय पर देते रहें ताकि हिमाचल का लघुकथा संसार अपडेट रहे। राजस्थान में रह रहे डाW0 घोटड़ भी कइZ बार मुझसे हिमाचल की मौजूदा लघुकथा की स्थिति के बारे में पूछते रहे हैं। उन्हंे भी मदद मिल जाया करेगी।

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  8. आप फोंट का चयन ठीक से करें समस्या नहीं आएगी !

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